यह कदंब का पेड़ - सुभद्रा कुमारी चौहान
Subhadra Kumari Chauhan - Wikipedia, the free encyclopedia
यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे
मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे
ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली
किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली
तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता
उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता
वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बांसुरी बजाता
अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में तुम्हे बुलाता
सुन मेरी बंसी को माँ तुम इतनी खुश हो जाती
मुझे देखने काम छोड़कर तुम बाहर तक...
How to Check Available Username for multiple Websites in A Single Site

एक website से बहुत सारे websites में उपलब्ध username कैसे जाँचे?
मैं आपको एक ऐसे website के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसके मदद से आप सिर्फ एक बार ही में बहुत सारे वेबसाइट को check कर सकते हैं कि आपका पसंदीदा username उपलब्ध है कि नहीं ।
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तो...