एक किसान के पास एक कुत्ता था जो हर रोज़ सड़क के किनारे वाहनों का इंतज़ार करता था. जैसे ही कोई गाड़ी वहां से गुज़रता, वह कुत्ता भोकते हुए दोढ़कर उस गाड़ी की ओर जाता और उससे आगे निकलने की कोशिश करता. एक दिन एक पड़ोसी उस किसान से पूछ पढ़ा " क्या आपको लगता है , कि वो कुत्ता कभी किसी गाड़ी को पकड़ पाएगा ?" . तो किसान ने जवाब दिया " मुझे यह समस्या ज्यादा परेशांन नहीं कर रहा कि कुत्ता गाड़ी पकड़ पाएगा की नहीं, बल्कि चिंता इस बात की है कि वो कार को पकड़ कर करेगा क्या ?".
जीवन में कई लोग इस कुत्ते के व्यव्हार की तरह अर्थहीन लक्ष्य का पीछा करते है.
एक बहुत बड़े और जटिल समस्या का हल निकलना लगभग असंभव है ... लेकिन थोड़ी थोड़ी जानकारियों में इसे काटने से समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है -
जीवन में कई लोग इस कुत्ते के व्यव्हार की तरह अर्थहीन लक्ष्य का पीछा करते है.
एक बहुत बड़े और जटिल समस्या का हल निकलना लगभग असंभव है ... लेकिन थोड़ी थोड़ी जानकारियों में इसे काटने से समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है -
A farmer had a dog who used to sit by the roadside waiting for vehicles to come around. As soon as one came he would run down the road, barking and trying to overtake it. One day a neighbor asked the farmer "Do you think your dog is ever going to catch a car?" The farmer replied, "That is not what bothers me. What bothers me is what he would do if he ever caught one." Many people in life behave like that dog who is pursuing meaningless goals.
"Mile by mile it's a trial; yard by yard it's hard; but inch by inch it's a cinch."
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